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कभी राजनीति होती थी,”आज़ादी” की ,
पर आज राजनीति कर रहे वो ‘शहज़ादी’ की |
कभी होते थे,नेता “स्वाभिमानी क्रांतिकारी”
पर क्या आज नेता मात्र “प्यार” के पुजारी ?
कुछ की तो नज़र इक-दूजे की बीबी पर गड़ी है,
तभी बोले वो,उसकी बीवी ५० करोड़ की लड़ी है |
नेता पति ने भी उत्तर में छोड़ी फुलझड़ी है,
मेरी प्यारी बीबी ,मुझको अज़ीज़ बड़ी है |
वो तब जाने, जब उन्होंनें “प्यार” किया हो ,
“दिल’ अपना किसी पे निसार किया हो |
तभी परांतरिकता में ‘दिग्विजयी’ नेता बोले-
“चिंता न करो ‘थरूर’, शादीशुदा हैं वो भी ज़रूर” |
अब वो भी तो बताएँ अपनी पत्नी का हाल-चाल,
कहाँ छुपी बैठी है वो,कैसी है, उसकी चाल-ढाल |
पर,इन नेताओ की अकल्पनीय ‘मसखरी’ देख,
आक्रोशित है जनता,जाग गया है देश का विवेक |
सोच यही अब, कहाँ से लायें वो क्रांतिकारी चारित्रिक नेता
जो पल में ही जला दिया करते थे “आज़ादी की मशाल”
पर आज के तो अंकुशहीन स्वार्थी नेता हो रहे मालामाल |
मेरे देशवासियों, आज देश को ज़रुरत है उन ‘महावीरों’ की,
जो तोड़ दें ‘दासता’ इस भ्रष्ट तंत्र की चुभती हुई ज़ंजीरों की |
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